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Monday, July 18, 2016

newsroom kuchh samvad

अख़बारों की दुनिया से नाता तो तब से है जब से स्कूल में पढ़ रहा था लेकिन पिछले ३ साल में न्यूज़रूम में जो संवाद सुने हैं वो कुछ हट कर रहे हैं, इन् हक़ीक़तों से रूबरू करवाने के लिए मनोज बिंवाल जैसे संपादक का शुक्रिया,,,ये न किसी पर कमेंट हैं और न इनसे आपको  न्यूज़रूम की हकीकत पता चल सकेगी लेकिन बानगी जरूर मिलेगी कि अख़बारों  ख़बरें कैसे आती हैं और उस से भी बढ़ कर कैसे गायब कर दी जाती हैं...

1  ये अपना विज्ञापनदाता  तो नहीं है मार्केटिंग वालों से पूछना पड़ेगा
2  अरे ये खबर मत करना यार सेठ  पहुँच जायेगा
3  सुनील, मेरी मुलाकात कराओ कमिश्नर से और पहले समझाओ कि नक्शा  ना अटके
4  खाने वाले कॉलम में उसकी कचोरी लगायी तो 20- 25 ले भी आनी थी ऐसे कैसे चलेगा
5 कल्पेश जी ने हाँ कह दिया है  स्टोरी को उल्टा करके चलाओ
6 तुमको मैंने कहा न  जैसे भी हो शालीमार टाउनशिप की खबर लाओ,  बस
7 हाँ आप शिव अग्रवाल (बिल्डर, ) की और कौन कौन सी स्टोरी बता रहे थे, बताओ तो सही (उस रिपोर्टर से जिसे इनका इस बिल्डर से लेन देन  पता नहीं था और जो फिलहाल जेल में)
8 ज्यादा ईमानदार होने का नाटक मत करो जैसा मैं बोल  वैसा करो
9 आज अखबार में गलती मत छोड़ना,  कल  जी शहर में ही हैं
10 आदित्य यार कैलाश  (फिलहाल महासचिव भाजपा ) पर मत लिखा करो कॉलम (बिटवीन द लाइन्स ) में,  नीरज बार बार कल्पेश जी को बोल चुके हैं, बाकी तो तुम्हे पता ही है...

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